सोमवार, 10 फ़रवरी 2014

ऑनलाइन कंप्यूटर, मैं एक नम्बर का लुच्चा, लफंगा, आवारा, बद्तमीज़..................


दोस्तों क्या आप चाहते हो की जो काम आप नेट पर करते हो या कोई वेबसाइड खोलते हो उसका किसी को पता न चले अगर आप ऐसा चाहते हो तो ऐसा हो सकता है

आज मैं आपको लेकर चलता हू ऑनलाइन कंप्यूटर की दुनिया में जहा आप कुछ भी काम करो किसी को कुछ पता नहीं चलेगा पर इसके लिए आपकी नेट की स्पीड अच्छी होनी चाहिए वेसे मैं इसका इस्तेमाल बहुत कम करता हू क्युकि आप मेरी प्रोफाइल में देख ही चुके है की मैं एक नम्बर का लुच्चा, लफंगा, आवारा, बद्तमीज़, नालायक, बदमाश, दुष्ट, पापी, राक्षस (और जो बच गया हो उसे भी जोड़ लो) कतई नही हूँ यार । हाँ दारू, सुट्टा, गाँजा, अफ़ीम, हेरोइन वगैरह……अबे ये सब भी नही पीता हूँ यार मैं बहुत होनहार , सीधा-साधा , सबको प्यार करने वाला , नेक दिल , ईमानदार, हिम्मती, शरीफ़ (अबे पूरे शरीर से शराफ़त टपकती है भाई), भोलाभाला (बस भोला हूँ भाला वगैरह नही रखता यार………अरे आदिवासी ठोड़े ही हूँ) लडका हूँ ।
आप ये मत सोचना की ये साईट लुच्चा, लफंगा, आवारा, बद्तमीज़, नालायक, बदमाश, दुष्ट, पापी, के लिए ही है ये सब के लिए है  तो आइये चलते है उस कंप्यूटर पर जहा आप छुप कर सारे काम कर सकते हो कोई सी भी साईट खोल सकते हो और किसी को इसका पता भी नहीं चलेगा ये है वो ऑनलाइन कंप्यूटर

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लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती| कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।