गुरुवार, 3 जुलाई 2014

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अगर आपको 

घर में दो कंप्यूटरों में डेटा ट्रांसफर करना हो तो जरूरत है तो सिर्फ एक केबल (तार) की, जिसे ईथरनेट क्रॉसओवर केबल कहते हैं। दोनों कंप्यूटरों में नेटवर्क कार्ड भी होना चाहिए, जो आज लगभग हर कंप्यूटर में पहले से ही लगा आता है। अगर आपके दोनों कंप्यूटरों में विंडोज का कोई-न-कोई वर्जन इन्स्टॉल्ड है तो उन्हें आपस में कनेक्ट करना चुटकियों का काम है।
क्रॉसओवर केबल अगर आपने कभी इंटरनेट कनेक्शन या नेटवर्क कनेक्शन का इस्तेमाल किया हो तो आपने यह केबल जरूर देखी होगी। इसके दोनों सिरों पर दो सॉकेट्स होते हैं, जो करीब-करीब वैसे ही होते हैं जैसे फोन और उसकी डिब्बी को कनेक्ट करने वाले तार में होते हैं। लेकिन ईथरनेट क्रॉसओवर केबल के सॉकेट्स टेलिफोन केबल के सॉकेट्स से थोड़े बड़े और चौड़े होते हैं। यह तार किसी इलेक्ट्रिसिटी शॉप, कंप्यूटर शॉप या स्टेशनरी शॉप पर मिल सकती है और कई साइजों में आती है। पांच मीटर की लंबाई वाली साधारण केबल की कीमत 50 रुपये के करीब होती है। कैसे करें कनेक्ट अपने कंप्यूटरों के पीछे की ओर (लैपटॉप में पीछे या फिर साइड में) लगे हुए नेटवर्क कार्ड को देखिए। नेटवर्क कार्ड कई तरह के होते हैं और उनमें एक से ज्यादा तरह के सॉकेट्स के लिए कनेक्टर्स बने हुए हो सकते हैं। लेकिन आपको एक ऐसा कनेक्टर ढूंढना है, जिसमें आपकी क्रॉसओवर केबल का सॉकेट आसानी से फिट होता हो। इसे तकनीकी भाषा में आरजे 45 कनेक्टर कहते हैं। दोनों कंप्यूटरों में ऐसे कनेक्टर ढूंढकर तार के दोनों सिरों (सॉकेट्स) को उनमें अच्छी तरह फिट कर दीजिए। क्या कहा आपने? दोनों कंप्यूटरों को जोड़ना इतना आसान था तो आपने पहले क्यों नहीं कर लिया? जी नहीं, यह तो अभी पहला चरण है। दूसरा चरण अभी बाकी है, जिसमें आप एक छोटा-सा घरेलू नेटवर्क तैयार करेंगे। घबराइए नहीं, बस तीन-चार मिनट की बात है भले ही कनेक्ट होने वाले कंप्यूटर सिर्फ दो हैं, लेकिन आपको एक छोटा-सा 'नेटवर्क' बनाने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए अपने विंडो कंप्यूटर में इस तरह आगे बढ़ें : स्टेप 1 : जरूरी आईपी सेटिंग्स विंडोज एक्सपी के लिए : Start - Settings - Network Connections पर जाएं। Local Area Connection को ढूंढें और राइट क्लिक करें। अब Properties को सलेक्ट करें, जिससे Local Area Connection Properties डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा। Internet Protocol (TCP/IP) सलेक्ट करें और Properties बटन दबाएं। इससे Internet Protocol (TCP/IP) Properties डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा। दोंनों ही कंप्यूटरों में Use the Following IP Address को चुनें और हर कंप्यूटर का यूनीक आईपी एड्रेस डालें। आईपी एड्रेस आपके कंप्यूटर की डिजिटल पहचान होता है। लोकल नेटवर्क के लिए 192.168.1. x आईपी एड्रेस का इस्तेमाल होता है, जिसमें x 1 से 255 के बीच कोई भी नंबर हो सकता है। अपने एक कंप्यूटर का आईपी एड्रेस 192.168.1.1 रख लें और दूसरे का 192.168.1.2 आईपी एड्रेस के नीचे Subnet Mask नामक बॉक्स दिखाई देगा, जिसमें 255.255.255.0 डालकर ओके बटन दबा दें। ध्यान रहे, यह प्रक्रिया दोनों कंप्यूटरों में करनी है। अगर दूसरा कंप्यूटर विंडोज एक्सपी नहीं बल्कि विंडोज विस्टा या विंडोज 7 है तो उसके लिए नीचे दिए गए तरीके का इस्तेमाल करें। विंडोज 7 के लिए : Start - Control Panel - Network and Internet - Network and Sharing Center पर जाएं और अब लेफ्ट ओर Change Adapter Settings पर क्लिक करें। अब खुलने वाले पेज में Local Area Networking का आइकन दिखाई देगा। ज्इस पर राइट क्लिक करें और बाकी कदम उसी तरह उठाएं, जैसे विंडोज एक्सपी के लिए ऊपर दिए गए बसे पहले Start ->Control Panel->System पर जाएं। अब खुलने वाले डायलॉग बॉक्स में Computer Name tab पर जाएं और Change बटन पर क्लिक करें। इससे Computer Name Changes डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा। ज्यहां अपने कंप्यूटर का नाम (जैसे होम कंप्यूटर1 या लैपटॉप, डेस्कटॉप आदि) दे दें। यही प्रक्रिया दूसरे कंप्यूटर में भी दोहराएं और उसे एक अलग नाम दे दें। ज्आपके कंप्यूटरों को जोड़ने वाले वर्कग्रुप (नेटवर्क) का भी एक नाम होना चाहिए। दोनों कंप्यूटर इसके सदस्य होंगे। इसका कोई अच्छा सा नाम सोच लीजिए, जैसे Home Network या My Network आदि।  कंप्यूटर का नाम देने के बाद उसके नीचे ही Member of Workgroup नामक बॉक्स में अपने वर्कग्रुप का नाम भर दीजिए (जैसे Home Network)। यह प्रोसेस दोनों कंप्यूटरों में पूरी करें। याद रहे, दोनों कंप्यूटरों के अपने नाम तो अलग-अलग हैं और आईपी एड्रेस भी अलग-अलग हैं, लेकिन वर्कग्रुप का नाम एक समान होना चाहिए। ओके बटन दबा दें और कंट्रोल पैनल से बाहर आ जाएं। दोनों कंप्यूटर एक बार रिस्टार्ट होंगे। रिस्टार्ट होते ही आपका घरेलू नेटवर्क तैयार है। Start - Control Panel - System and Security - System पर जाएं और Change Settingsलिंक को क्लिक करें। बाकी प्रोसेस वही है, जो विंडोज एक्सपी के लिए है  स्टेप 3 : जरा-सी चेकिंग आइए, अब देखते हैं कि क्या आपके दोनों कंप्यूटर कनेक्ट हो चुके हैं? Start - Settings - Network Settings पर जाकर My Network Places पर क्लिक करें। अब Entire Network पर क्लिक करें और फिर Microsoft Windows Network पर डबल क्लिक करें। आपको अपने वर्कग्रुप का नाम दिखाई देगा। उस पर डबल क्लिक करके देखिए, दूसरे कंप्यूटर का नाम दिखाई देगा। जाहिर है, आपके दोनों कंप्यूटर एक-दूसरे से कनेक्ट हो चुके हैं। अब एक छोटा-सा प्रोसेस और बचता है, और वह है दूसरे कंप्यूटर की सामग्री को access करने का। उसके लिए हमें नेटवर्क शेयरिंग सुविधा का इस्तेमाल करना होगा। विंडोज 7 के लिए: Start - Control Panel - Network and Internet पर जाकर Home Group पर क्लिक करें। आपके नेटवर्क में मौजूद दूसरा कंप्यूटर दिखाई देगा।  स्टेप 4 : फोल्डर शेयरिंग दोनों कंप्यूटरों में एक-एक ऐसा फोल्डर बना लीजिए, जिसकी सामग्री को आप दूसरे कंप्यूटर में access करना चाहते हैं। इसे कोई सुविधाजनक नाम दे दीजिए, जैसे Shared Laptop Folder और Shared Desktop Folder वगैरह। इस फोल्डर पर राइट माउस क्लिक करके Properties पर क्लिक करें। अब खुलने वाले डायलॉग बॉक्स में Sharing tab को सलेक्ट कर लें। अब Share this folder को सलेक्ट करें और फिर Shared Laptop Folder और Shared Desktop Folder जैसा कोई सुविधाजनक नाम दे दीजिए। दूसरे कंप्यूटर में आपको अपना शेयर्ड फोल्डर इसी नाम से दिखाई देगा। अब OK बटन दबा दीजिए। विंडोज 7 में भी यह प्रोसेस इसी तरह होगा।   स्टेप 5 : करें इस्तेमाल विंडोज एक्सपी में : Start - Settings - Network Settings पर जाकर My Network Places पर क्लिक करें। अब Entire Network पर क्लिक करें और फिर Microsoft Windows Network पर डबल क्लिक करें। अपने वर्कग्रुप के नाम पर डबल क्लिक करके देखिए, दूसरे कंप्यूटर का नाम दिखाई देगा। विंडोज 7 मे : Start - Control Panel - Network and Internet पर जाकर Home Group पर क्लिक करें। आपके नेटवर्क में मौजूद दूसरा कंप्यूटर दिखाई देगा  दूसरे कंप्यूटर के नाम पर क्लिक करके देखिए, उसमें आपका शेयर्ड फोल्डर दिखाई देगा और उसके भीतर पड़ी फाइलें भी। अब इस कंप्यूटर की फाइलें दूसरे कंप्यूटर पर access होने लगी हैं। इधर से फाइलें उधर कॉपी करके देखिए। क्यों आया न मजा? तो लीजिए बन गया आपका छोटा-सा होम नेटवर्क। सिर्फ फाइलें और फोल्डर ही क्यों, अब आप एक कंप्यूटर से जुड़ी चीजों (मसलन डीवीडी ड्राइव, प्रिंटर, स्कैनर आदि) का भी दूसरे कंप्यूटर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। बस उन्हें 'शेयर' भर करते जाना है। 

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लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
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