शुक्रवार, 24 जनवरी 2014

यमराज को फोन

दोस्तों अज कुछ अलग लिखने का मन कर रहा है तो चलो आज यमराज को फोन मिलते है 



मेरा जीवन आउट ऑफ डेट हो गया,
पता नही यमराज लेट हो गया।
या फिर मरने वालो की सूची खो गयी,
या हमारी मौत की तारीख निकल गयी।

इसलिये मैने यमराज को फोन मिलाया,
"किसने डिस्टर्व किया, मौत को बुलाया"।
मै बोला "अस्पताल मे खाट पर पड़ा हू",
बहुत दिनो से मौत की लाइन में खडा हू।


अब तो जीवन से छुटकारा दिलाइये,

मुझको भी अपने पास बुलाइए।
यमराज बोले बहुत ही जल्द आऊंगा,
औरों के संग तेरे भी प्राण ले जाऊंगा ।


तुम्हे भी कैसे बुरे वक्त में, मरने की सूझी है,

हे मरणासन्न जान लेना, वैसे तो बड़ा इजी है।
मगर क्या करू ऐ, मौत के आकांक्षी,
मेरा स्टाफ खाडी युद्व मे विजी है।

2 टिप्‍पणियां:

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती| कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।