खोये हैं हम ना जाने किस जहान में
आये कोई आवाज़ दे बुला ले उस जहान से
आये कोई आवाज़ दे बुला ले उस जहान से
यूँ तो वापसी की डगर कोई नहीं
बस उम्मीद के तारे पे रुकी है ज़िन्दगी
कतरनों को सीने की जद्दोजहद में
आवाज़ के घुँघरुओं में बसी है ज़िन्दगी
चिलमनों के उस तरफ जो शोर था
दिल में मेरे भी तो कुछ और था
करवट बदलने से पहले कोई दे आवाज़ पुकार ले
यूं तो जीने के बहाने और भी थे
मेरे गम के सहारे और भी थे
बस खुद को मुबारक देने की चाहत में
उस पार की आवाज़ को तड़प रही है ज़िन्दगी
खोये हैं हम ना जाने किस जहान में
आये कोई आवाज़ दे बुला ले उस जहान से
आये कोई आवाज़ दे बुला ले उस जहान से
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लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती| कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।