जी चाहता है--------
दिल को तोड के लिख दूँ
कलम को मोड के लिख दूँ
फ़लक को फ़ोड के लिख दूँ
जमीँ को निचोड के लिख दूँ
जी चाहता है-------------
दर्द को घोल के पी लूँ
ज़हर को भी अमर कर दूँ
मोहब्बत को ज़हर कर दूँ
गंगा को उल्टा बहा दूँ
जी चाहता है------------
नकाबों को आग लगा दूँ
बुझता हर चिराग जला दूँ
रेत से चीन की दीवार चिनवा दूँ
ज़िन्दगी को मौत से जिता दूँ
जी चाहता है-------------
हर रोक को आज हटा दूँ
हर पंछी को उडना सिखा दूँ
रस्मों की हर रवायत मिटा दूँ
बेफ़िक्री का डंका बजा दूँ
जी चाहता है------------
ब्रह्माँड को उलट दूँ
ब्रह्मा की सृष्टि को पलट दूँ
पाप पुण्य का भेद मिटा दूँ
इंसान को देवता बना दूँ
जी चाहता है------------------
हर नियम कानून की नींव मिटा दूं
मौत को भी रास्ता भुला दूँ
अमीरी गरीबी का भेद मिटा दूँ
रिश्वतखोरों की कौम मिटा दूँ
भ्रष्टाचारियों को फ़ांसी चढा दूँ
एक नया जहान बसा दूँ
मगर मनचाहा कब होता है?
दिल को तोड के लिख दूँ
कलम को मोड के लिख दूँ
फ़लक को फ़ोड के लिख दूँ
जमीँ को निचोड के लिख दूँ
जी चाहता है-------------
दर्द को घोल के पी लूँ
ज़हर को भी अमर कर दूँ
मोहब्बत को ज़हर कर दूँ
गंगा को उल्टा बहा दूँ
जी चाहता है------------
नकाबों को आग लगा दूँ
बुझता हर चिराग जला दूँ
रेत से चीन की दीवार चिनवा दूँ
ज़िन्दगी को मौत से जिता दूँ
जी चाहता है-------------
हर रोक को आज हटा दूँ
हर पंछी को उडना सिखा दूँ
रस्मों की हर रवायत मिटा दूँ
बेफ़िक्री का डंका बजा दूँ
जी चाहता है------------
ब्रह्माँड को उलट दूँ
ब्रह्मा की सृष्टि को पलट दूँ
पाप पुण्य का भेद मिटा दूँ
इंसान को देवता बना दूँ
जी चाहता है------------------
हर नियम कानून की नींव मिटा दूं
मौत को भी रास्ता भुला दूँ
अमीरी गरीबी का भेद मिटा दूँ
रिश्वतखोरों की कौम मिटा दूँ
भ्रष्टाचारियों को फ़ांसी चढा दूँ
एक नया जहान बसा दूँ
मगर मनचाहा कब होता है?
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लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती| कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।